मनुष्य जीवन दिनों दिन कठिन क्यों होता जा रहा है ?


जैसे जैसे कलियुग अंतिम चरण से गुजर रहा है, स्थिति दिन पर दिन और भयावह होती जा रही है | अधर्मिता अपने चरम पर है | सुबह के 5 बजने को हैं – गहन काली अंधेरी रात | संधिकाल से गुजर रहे हैं |

 

कुछ ही दिनों में आज के समय की महाभारत (ww3) और उसके उपरांत सतयुग की शुरुआत | भोर हो गई और नए युग की शुरुआत | कल्कि अवतार के आने का समय भी नजदीक है |

 

2024 से 2032 तक का समय आध्यात्मिक दृष्टिकोण से | Vijay Kumar Atma Jnani

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