पूरे जगत का करता, बनाने वाला जो सनातन पुरुष है वह साक्षात ब्रह्म है | लेकिन धरती पर भी कुछ ऐसे मानव समय समय पर आते रहते हैं जो अध्यात्म में डूब तत्वज्ञानी बन ही जाते हैं और शरीर छोड़ते ही मोक्ष हो जाता है | महाभारत का धर्मयुद्ध द्वापर और कलियुग के संधि काल के समय हुआ था | कृष्ण के साथ द्वापर युग अस्त हो गया |
महावीर, बुद्ध, आदि शंकराचार्य, रामकृष्ण परमहंस और महर्षि रमण कुछ ऐसे ही तपस्वी हैं जो जन्म और मृत्यु के बंधन को काट हमेशा के लिए शुद्ध आत्मा हो गए | इन्हे कलियुग का मानव भगवान कह सकते हैं | साईं बाबा आध्यात्मिक नहीं, धार्मिक कर्मकांडी हैं, आध्यात्मिक तपस्वियों से थोड़ा अलग |
Is it necessary to go to temple to Realize God | भगवान की प्राप्ति के लिए क्या मंदिर जाना आवश्यक है