जब मैं ध्यान की शुरुआती stage में था (लगभग 15 वर्ष की उम्र) तो अचानक 3 काले सर्प खड़ी मुद्रा में आंखों के सामने हर समय रहने लगे – सोते जागते | देख कर बड़ा डर लगता लेकिन एक दिन मैं उनसे डरा नहीं और उनकी तरफ घूर कर देखने लगा | काफी देर देखने के बाद दो सर्प बाएं और दाएं वाले चले गए |
सर्प घूरते समय मैं अपने अंदर यह कहता रहता – किसे डराने की कोशिश कर रहे हो | में डरने वाला नहीं | कुछ दिनों बाद बीच वाला सर्प भी चला गया | जैसे ही यह सर्प जाने को हुआ इसके पीछे पूर्ण सफेद रंग का हीरे माणिक जड़ित एक बेहद डरावना सर्प खड़ा हो गया | उसको देखना मेरी बर्दाश्त से बाहर था | 2 ~ 3 दिन ऐसे ही चलता रहा, न दिन का चैन न रात का |
जब अकेले रहना मुश्किल हो गया तो मां से कहा मैं अपना बिस्तर आपके कमरे में डाल लूं क्या ? एक सांप बहुत तंग कर रहा है | मां ने कहा ठीक है | अभी तक मुझे कुण्डलिनी का कुछ मालूम नहीं था | कुछ लोगो से बात की तो कहने लगे यह कुण्डलिनी सर्प ही हो सकता है | इसके आगे किसी को कुछ नहीं मालूम | अम्मा पिताजी के कमरे में लगभग 1 महीना होने को आया |
फिर एक दिन मैंने सोचा ऐसे कब तक चलेगा | मैंने कोई चोरी तो की नहीं कि मैं डरूं | मैंने उसकी आंखों में देखना शुरू किया और मन ही मन उसे कहता रहा, प्रभु का बंदा हूं, उसी की permission से journey शुरू की है, तू बीच में मत आ और मुझे डराने की कोशिश मत कर | 2 ~ 3 दिन बाद ये सर्प भी अचानक चला गया | फिर बिस्तर वापस अपने कमरे में |
आगे के आध्यात्मिक सफर में मुझे फिर किसी सर्प ने तंग नहीं किया | कुण्डलिनी सर्प का इतना ही experience हुआ मुझे |
How does it feel when kundalini awakens? कुंडलिनी जागृत होने पर क्या होता है? Vijay Kumar Atma Jnani