आम मनुष्य 5 इन्द्रियों का इस्तेमाल करते हुए अपने मस्तिष्क का सिर्फ 1 ~ 3% इस्तेमाल करता है | बचा हुआ और बंद पड़ा 97 ~ 99% मस्तिष्क तब खुलता है जब हम अध्यात्म में उतरते हैं | Albert Einstein के बारे में कहा जाता है वे अपना मस्तिष्क 4% के लगभग इस्तेमाल करते थे | तो छठी इंद्री क्या है ? छठी इंद्री को ज्ञान इंद्री क्यों कहते हैं ? इसका उत्तर अध्यात्म में है |
बंद पड़े 97 ~ 99% मस्तिष्क को हम अध्यात्म में ध्यान के माध्यम से ही खोल सकते हैं | जब शास्त्रों के अंदर निहित ज्ञान का इस्तेमाल करके (या कहें ज्ञान के प्रकाश के द्वारा) हम अपने अंदर के अज्ञान के अन्धकार को दूर करते हैं तो हमारा बंद पड़ा 97 ~ 99% मस्तिष्क fully active हो जाता है |
इसी अवस्था को कहते हैं छठी इंद्री का जागृत होना | छठी इंद्री जागृत होने का तात्पर्य है अब हमारा brain (मस्तिष्क) अपनी पूरी 100% capacity पर काम करने योग्य हो गया है | इस अवस्था को तीसरा नेत्र जागृत होना भी कहते हैं |
छठी इंद्री को ज्ञानेंद्री इसीलिए कहा जाता है क्योंकि वह पूर्ण रूप से शास्त्रीय ज्ञान से संबंधित है | जिसकी अध्यात्म में रुचि नहीं, उसके लिए ज्ञानेंद्री के कोई मायने नहीं | इसीलिए आत्मज्ञानी को enlightened कहते हैं (भीतर प्रकाश ही प्रकाश लेकिन ज्ञान का) |
Secret of opening the Third Eye | तीसरा नेत्र खुलने का रहस्य | Vijay Kumar Atma Jnani