अगर पुस्तक रूप में देखें तो भारत के मूल शास्त्रों, ग्रंथों का मूल और टीकाएं गीताप्रेस, गोरखपुर के पास संग्रहित हैं | भारतीय दर्शन शास्त्रों जैसे भगवद गीता और 11 Principal उपनिषदों का मूल और टिकाएं, दोनों गीताप्रेस में उपलब्ध हैं | किसी भी साधक को आत्मज्ञान प्राप्त करने के लिए गीताप्रेस के बाहर कहीं नहीं जाना पड़ेगा | जो भी टिकाएं चाहिएं वह सब उपलब्ध है संस्कृत, हिंदी और english में |
सबसे उच्च कोटि का ज्ञान आध्यात्मिक होता है | आध्यात्मिक पुरुष जो तत्वज्ञानी थे सशरीर मौजूद नहीं लेकिन उनकी खुद की लिखी या टीकाकारों द्वारा लिखित पुस्तकें आपको गीताप्रेस में मिल जाएंगी | ज्ञान किसी जगह या वस्तु विशेष की धरोहर नहीं | आध्यात्मिक दौलत जो भारतवर्ष की धरोहर है वह गीताप्रेस के विभिन्न रेलवे स्टेशनों में स्थित बुकस्टॉल में मिल जाएगी | गीताप्रेस के कई शहरों में स्वयं के डिपो भी हैं |
भारत में किसी भी साधक को गीताप्रेस के अलावा कहीं जाने की जरूरत नहीं | हां, भारतीय विद्या भवन (govt का उपक्रम) में भी अध्यात्म से जुड़े व्यक्तियों के ऊपर लिखीं कुछ पुस्तकें मिल जाएंगी |
What spiritual books should i read | कौनसी आध्यात्मिक पुस्तकें पढ़े | Vijay Kumar Atma Jnani