धरती पर जीने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी क्या है ?


सही जीवन जीने के लिए जीवन में सबसे जरूरी होता है संतुलन | संतुलन नहीं तो राजा भी परेशान और प्रजा को भी परेशान रखेगा |

 

1… जीवन संतुलित न हो तो छप्पन भोग खाकर भी आप बीमार पड़ सकते हैं | मैंने खुद आंखों से देखा है कि एक गाय जो कई दिन की भूखी थी – जब काफी रोटियां एक साथ खाने को मिली तो जरूरत से 4 गुना ज्यादा खा गई और अगले दिन मरी हुई मिली |

 

2… बिना संतुलन के ज्यादा व्यायाम करने से कितने ही लोग heart attack के कारण अचानक मर गए |

 

3… बिना संतुलन आप ऑफिस में बॉस को नाखुश कर पैरों पर कुल्हाड़ी मार लेंगे, junior staff को प्रताड़ित करेंगे अलग | कारण – सिर्फ और सिर्फ आपकी बढ़ी हुई ego जिसके कारण आप किसी को कुछ भी नहीं समझते |

 

4… अगर आप संतुलित नहीं तो गाड़ी चलाते वक़्त सड़क पर दुर्घटना कर बैठेंगे |

 

5… असंतुलित व्यक्ति अपने आस पास के वातावरण को पूरी तरह दूषित रखता है – मर्द है तो अकारण बीबी को डांटता रहेगा |

 

असंतुलित इंसान की जिंदगी एक अभिशाप की तरह होती है – न खुद खुश रहेगा न दूसरों को खुश होने देगा | एक असंतुलित व्यक्ति को best हवा, पानी, वातावरण उपलब्ध करा दीजिए – उसका रोना कम नहीं होगा | भगवान भी आ जाएं तो उनके सामने भी अपना रोना रोएगा | उसे राजा की जिंदगी उपलब्ध करा दीजिए – जीयेगा फकीर बनकर ही |

 

असंतुलित का विपरीत है सम यानि हमेशा सम भाव में रहना – खुद भी संतुष्ट रहना और दूसरों को भी परेशान न करना – तभी जैन धर्म में महावीर कह गए – जियो और जीने दो | यह सम भाव ही तो है जिसमें रहकर आम इंसान बुद्ध और महावीर बन सकता है | जीवन में संतुलन न हो तो जिंदगी आगे बढ़ेगी कैसे – हम मात्र पशु बनकर जीवन गुजार देंगे |

 

नीचे दिए समुद्र मंथन के वीडियो में देखें दैविक और राक्षसी प्रवत्तियां कैसे गुल खिलाती हैं –

 

Samudra Manthan ki gatha | समुद्र मंथन की गाथा | Vijay Kumar Atma Jnani

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