वर्तमान योनि में आत्मज्ञान, ब्रह्मज्ञान, तत्वज्ञान या कैवल्य ज्ञान प्राप्त करने के लिए हमें निम्न करना होगा –
१. सत्य के मार्ग पर चलना (१००%)
२. भगवान में पूर्ण श्रद्धा (१००%)
३. ध्यान में उतर कर्मों की पूर्ण निर्जरा (१००%)
४. ज्ञान योग के द्वारा भगवद गीता के मर्म को समझना
५. ज्ञान योग के द्वारा ९ principlal उपनिषदों के मर्म को समझना
६. कर्म को निष्काम भाव से करना
७. चिंतन के माध्यम से विचार शून्य की स्थिति में पहुंचना
८. १२ साल की ब्रह्मचर्य की तपस्या
अगर हम यह सब करने के लिए सक्षम हैं तभी हमारी कुण्डलिनी जागृत होगी और सातों चक्र खुलेंगे | तभी हम निर्विकल्प समाधि की स्थिति तक पहुंच पाएंगे और अंततः मोक्ष ले लेंगे | प्रभु के बनाए नियमानुसार पूरी धरती पर स्थित ८०० करोड़ लोगों में १०० ~ १५० सालों में सिर्फ एक या दो साधकों को रामकृष्ण परमहंस या महर्षि रमण बनने का मौका मिलता है |
12 years Tapasya | 12 साल की घोर तपस्या का सच | Vijay Kumar Atma Jnani