मैंने खुद देखा है स्वामियों को पानी लेने की खातिर पहाड़ से ३~४ किलोमीटर उतरते हुए और फिर वापस चढ़ना | जीवन दोनों कठिन हैं | बिना कर्म किए किसी का गुजारा नहीं | और फिर जंगली जानवरों का डर, उनसे कौन बचाता है | सब खुद करना पड़ता है | मूल है निष्काम भावना से कर्म करना |
Nishkama Karma Yoga | निष्काम कर्म योग का महत्व | Vijay Kumar Atma Jnani