गुरुद्वारे मस्जिद चर्च में नहीं सिर्फ मंदिरों में VIP दर्शन है क्या इसे खत्म नहीं किया जाना चाहिए ?


आज के समय में धार्मिक अनुष्ठानों में लगा इंसान भगवान के लिए ज्यादा नहीं, खुद के लिए सब कुछ करता है | ताली एक हाथ से नहीं बजती | दोनों – आम जनता और पुजारी इस गलत प्रथा के लिए जिम्मेदार हैं | अमीर व्यक्ति के पास हमेशा समय की कमी रहती है | उसे ज्यादा पैसे देकर VIP दर्शन करने में कोई झिझक नहीं | VIP तो चाहता ही है कि दुनिया उसे मिलते special treatment को देखे |

 

पुजारी भी बेहद खुश, ज्यादा दान दक्षिणा जो मिलेगी | ऐसी पद्धति को कौन रोक सकता है – सिर्फ एक बेहद इमानदार statesman Narendra Modi जैसा | समय दूर नहीं – ऐसी कुरीतियां 2032 तक जड़ से खत्म – कल्कि अवतार के आने का इंतज़ार कीजिए | अख़बारों में पढ़ा होगा – साउथ के एक मंदिर में बड़े पुजारी ने अपनी बेटी की शादी में उसे 18 किलो सोने से लाद दिया – कैसे ?

 

सभी बातो के बावजूद हिन्दू मंदिरों में VIP दर्शन का एक कारण हैं अत्यधिक हिन्दुओं की जनसंख्या – kms लंबी कतारें – जो afford कर सकता है ज्यादा पैसे देकर कम समय में VIP दर्शन कर ले | मैं अपने अंतिम तिरुपति trip में इसी कारण मंदिर में अंदर दर्शन करने ही नहीं गया | ब्रह्म हृदय में विराजमान – जाना कहां है ?

 

2024 से 2032 तक का समय आध्यात्मिक दृष्टिकोण से | Vijay Kumar Atma Jnani

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