अगर हम हमेशा positive विचारों का अवलोकन/ आदान प्रदान करते हैं तो कभी भी जीवन में किसी प्रकार की पूजा की जरूरत नहीं | 5 वर्ष की आयु से अध्यात्म की राह पर चलने वाला मैं जीवन में कभी किसी पूजा पाठ में नहीं उलझा | अगर महसूस हुआ तो अन्दर से ब्रह्म से बात कर ली, और ब्रह्म से कुछ मांगना होता तो मांग लिया |
इंसान हूं, सबसे उच्च योनि में स्थापित हूं, ब्रह्म ने will power और विवेक दिया है जिसका मैंने जीवन की हर घड़ी में भरपूर इस्तेमाल किया | अगर मैं 5 वर्ष की आयु से ब्रह्म से पूर्ण रूप से जुड़ा हूं तो कभी किसी बात का डर कभी नहीं रहा | कोई भी, कैसा भी शुभ कार्य हो हमें खुलकर स्वच्छंद तरीके से पूर्ण करना चाहिए |
अगर ग्रह प्रवेश है तो मन के अंदर पूजा ऐसे होनी चाहिए, हे प्रभु – मैं इस दुनिया में खुद नहीं आया, तेरा अंश हूं, लाया गया हूं, आज मकान बन कर खड़ा हो गया है – आशीर्वाद दे इस घर में हमेशा सुख शांति बनी रहे और basic needs की कभी कमी न रहे | इस तरह खुद से बनाई प्रार्थनाओं ने हमेशा मेरा साथ दिया |
How do you express Gratitude in words to God? भगवान की कृपा के प्रति कृतज्ञता | Vijay Kumar