मंदिर में देवता या देवी की मूर्ति में पंडित जी प्राण प्रतिष्ठा करते हैं तो क्या मूर्ति में जान आ जाती है ?


जब भी किसी मंदिर में मूर्ति स्थापित कर प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव किया जाता है उससे उस मूर्ति में भगवान नहीं आ जाते – हां, मनुष्यों का भगवान में विश्वास दोगुना चौगुना हो जाता है | उससे ज्यादा खुद में विश्वास बेहद बढ़ जाता है | यही नहीं सामंजस्य की भावना जो हर किसी के हृदय में घर कर जाती है वह सभी के लिए, देश के लिए मील का पत्थर साबित होती है |

 

प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के दौरान पूरा समाज एक हो जाता है | राम के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के कारण समाज ही नहीं, पूरा भारत देश एक हो गया | सभी को इस बात का फिर से अहसास हो गया कि हम एक विराट हिन्दू राष्ट्र के नागरिक हैं | हम जैसा कोई नहीं |

 

प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव इस बात का सूचक होता है कि भगवान होते हैं और हमें समय समय पर ब्रह्म के प्रति कृतज्ञता प्रदर्शित करते रहनी चाहिए |

 

How do you express Gratitude in words to God? भगवान की कृपा के प्रति कृतज्ञता | Vijay Kumar

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