ध्यान कभी भी घंटा या दो घंटा करने की रीत नहीं | सही ध्यान 24 घंटे round the clock चलते रहना चाहिए | अगर साधक तोड़ तोड़ कर ध्यान में उतरता है तो वह ध्यान नहीं | इस धरती पर इस समय एक भी सच्चा साधक नहीं जो सच्चे ध्यान में उतर सके ? ऐसा कैसे कह सकते हैं ?
अगर किसी को सच्चा ध्यान करना आ जाए तो स्वामी विवेकानंद बनने में 12 वर्ष और रामकृष्ण परमहंस की अवस्था तक पहुंचने के लिए 14 वर्ष चाहिएं ! स्वामी विवेकानंद 1902 में चले गए और रामकृष्ण परमहंस 1886 में, दूसरा विवेकानंद या परमहंस क्यों नहीं आया ?
ध्यान में 24 घंटे कैसे उतरना है वह नीचे वीडियो में देखें और कोशिश करेंगे तो एक दिन चौबीसों घंटे ध्यान कर सकेंगे | वक़्त जाया न करें – एक ही जिंदगी है – अगला शरीर तो आत्मा लेगी, हम नहीं – जो कुछ करना है – अभी, इसी वक़्त, इसी जन्म में करना होगा |
भारत में लगभग सभी साधक भगवान की खोज में ब्रह्ममुहुर्त में उठकर ध्यान में लग जाते हैं – न जाने क्या क्या करते हैं | कभी seriously सोचा है अभी तक क्या पाया ? आध्यात्मिक तौर पर कहें तो कुछ भी नहीं | अभी तक एक साधक है (दिल्ली से) जो लगभग 18 वर्षों से जुड़ा है – अब चौबीसों घण्टे ध्यान कर लेता है | एक नया साधक (राजस्थान से) तैयार हो रहा है |
Dhyan kaise karein | ध्यान करने की सही विधि | Vijay Kumar Atma Jnani