बहुत लोग नाचने को भी अश्लीलता क्यों मानते हैं ?


ढाक के तीन पात – जो लो समय के साथ खुद को नहीं बदलते/ ढालते, वे गुजरे समय का रोना ही रोते रहते हैं | जैसे आजकल लोग इंतज़ार कर रहे हैं सफेद घोड़े पर सवार, हाथ में तलवार लिए कल्कि अवतार का | तलवार represent करती है तुरंत justice को और घोड़ा – तीव्र गति को | कल्कि का हर काम इतनी शीघ्र और तीव्र गति से होगा, लोग दांतों तले अंगुली दबा लेंगे |

 

ऐसे लोग आज भी युद्ध में घोड़ों और तीर कमानों के इस्तेमाल पर जोर देंगे | न खुद बदलेंगे न औरों को बदलने देंगे | ये वही लोग हैं जो रामकृष्ण परमहंस पर पत्थर फेंकने से नहीं चूकते, जब वह कुत्ते के पीछे घी का कड़छा लेकर भागते थे (क्योंकि रामकृष्ण परमहंस को कुत्ते में भी भगवान नजर आते थे, कहते – प्रभु सूखी रोटी लेकर भाग गए, गले में चुभ जाएगी) |

 

नृत्य तो music की तरह ब्रह्म की एक खूबसूरत रचना है – वह अश्लील कैसे हो सकती है ? अश्लीलता उन आंखों में होती है जो अपवित्र विचार ग्रहण किए हैं | यह अध्यात्म ही है जो मनुष्य को अंततः वास्तविकता से अवगत कराता है |

 

What is the real meaning of spirituality? अध्यात्म का वास्तविक अर्थ क्या है ? Vijay Kumar Atma Jnani

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