१३ लाख हिंदू चीन में भगवान की पूजा के बाद कोकरच की चटणी मेंढक की कढी का नेवेध प्रदान करते है ?


चीन को बने कितना समय हुआ है ? Prof Kusumlata Kedia जो एक सीनियर लेखक व यूनिवर्सिटी प्रोफेसर हैं ने अपने YouTube विडियोज में संकलित व्याख्यानों से यह साबित कर दिया है कि चीनी मुख्यतः भरतवंशी हैं | जैसी व्यवस्था, जैसा परिधान या रहने का स्थान – इंसान खुद को वैसे ही ढाल लेता है | बर्फ से ढकी कंदराओं में सब्जी मिलती नहीं, population ज्यादा होने के कारण चीनी सब कुछ खा जाते हैं | पेट तो भरना ही है |

 

अगर आप Germany में हैं तो भारतीय रीति रिवाज थोड़े ही अपनाएंगे या थोपेंगे | आपको वहीं के रीति रिवाजों को अपनाना पड़ेगा नहीं तो आप outcast घोषित हो जाएंगे, यानि उस सोसायटी में रहने के नाकाबिल | कितने ही साधक इस बात को आश्चर्य से देखते हैं कि स्वामी विवेकानंद मछली खाते थे | coastal areas में रहने वाले सभी खाते हैं, यह उनकी staple diet है |

 

Tundra प्रदेश में रहने वाले सिर्फ और सिर्फ non-vegetarian होते हैं क्योंकि वहां सब्जी न उगती न पहुंच पाती है | दोष किसका – किसी का नहीं | अगर Tundra निवासी अध्यात्म के रास्ते पर चलना चाहता है तो पूरी छूट है | शाकाहार तो हो नहीं सकता – मजबूरी है | आध्यात्मिक progress धीमे होगी, लेकिन होगी जरूर |

 

यह निश्चित है सात्विक भोजन सात्विक विचार पैदा करते हैं | खाना कैसा भी हो, विचार positive सकारात्मक रहने चाहिए | समुद्र मंथन के वीडियो में positive विचारों की सार्थकता को देखिए |

 

Samudra Manthan ki gatha | समुद्र मंथन की गाथा | Vijay Kumar Atma Jnani

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