पूर्ण समाधि निर्विकल्प समाधि की अवस्था को कहते हैं जब हमारे अंदर एक भी विचार नहीं आता है और न ही अंदर से बाहर जाता है और शून्य की स्थिति आ जाती है | यह अवस्था तब आती है जब कर्मों की पूर्ण निर्जरा हो जाए |
कर्म हमेशा के लिए भस्म तो आत्मा अपने शुद्ध रूप में वापस आ जाती है | यानी साधक कैवल्य ज्ञानी हो गया | केवल्य ज्ञान प्राप्त होने का मतलब है शीघ्र ही ब्रह्म से साक्षात्कार | जन्म और मृत्यु के चक्रव्यूह से हमेशा के लिए छुटकारा |
तत्वज्ञान प्राप्त होने के बाद साधक अपनी इच्छा से शरीर त्यागकर मोक्ष ले सकता है |
What is Moksha in simple terms? मोक्ष क्या है? Vijay Kumar Atma Jnani