भारतीय शास्त्रानुसार अगर हम किसी का अहित सोचते हैं या किसी को गलत सलाह देते हैं तो उस मानव के किए कर्मों का आधा फल हमें भी मिलता है | अगर हमने सीख सही दी लेकिन पाने वाले ने गलत इस्तेमाल किया तो हमे कोई पाप नहीं लगेगा |
ध्यान रहे इसी कारण भगवद गीता में कृष्ण कहते हैं हमेशा पुण्यकर्म करों, सब अच्छा ही होगा |
पाप और पुण्य में क्या अंतर होता है? पाप और पुण्य क्या है? Vijay Kumar Atma Jnani