जब सब कुछ नियति में लिखा है तो हमने कैसे बुरे कर्म किये ?


जैसा हमने सोचा वैसी हमारी जिंदगी होती चली गई | नियति में लिखा हुआ से मतलब क्या हुआ ? आज तक सभी जन्मों में जो हमने सोचा और क्रियान्वित किया उसी अनुसार हमारी नियति लिखी गई | कर्मानुसार अगर इस जन्म में हम ब्राह्मण परिवार में पैदा हुए तो इसमें भगवान का क्या रोल ?

 

हमारे पूर्व जन्मों के कर्मों के आधार पर यह जीवन मिला, हम will power और विवेक से सुसंपन्न हैं – जैसा करते है वैसा फल मिलता है तो वर्तमान में अगर हमें दुखों ने घेर रखा है तो दोषी भगवान नहीं, हमारी पूर्व जन्मों की सोच और किए गए कर्म हैं |

 

अगर हम दुखों के पहाड़ से पीछा छुड़ाना चाहते हैं तो रास्ता एक ही है – इस जन्म में 100% पॉजिटिव होकर हर कार्य करें |

 

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