जैसे ही इंसान की मृत्यु हुई खेल खत्म – एक ही जीवन मिला था मृत्यु के साथ खत्म हो गया | अगला जीवन तो आत्मा धरेगी – किस जगह लेगी, किस घर में लेगी वह निर्भर होगा मृत्यु के समय के कर्मफल पर | हमारा उस नए शरीर से कुछ लेना देना नहीं |
हमे यह बात ध्यान रखनी चाहिए – जीवन एक ही है | अनेकों जीवन तो आत्मा धारण करती है – हमें उनसे क्या लेना | जो भी हम करना चाहते हैं – इसी जीवन में करना होगा | मरने के बाद तो शरीर जला दिया जाएगा – राख बन जाएंगे |
हां – अगर जन्म मृत्यु के चक्र से मुक्त होना चाहते हैं तो तत्वज्ञानी बनना होगा और फिर मोक्ष लेना होगा |
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