पुनर्जन्म के होने या न होने से क्या – न तो हमें पिछला जन्म का याद रहता है न ही अगले जन्म का


हमें फ़र्क नहीं पड़ता (क्योंकि हम अपनी अहम, मैं से बंधे हैं), लेकिन हमारी आत्मा जिसने यह शरीर धारण किया है, उसे बहुत फ़र्क पड़ता है | क्यों ? आत्मा चाहती है जन्म और मृत्यु के बंधन से छुटकारा | खुद आत्मा दृष्टा की भांति काम करती है और जिम्मेदारी शरीर की होती है कि मनुष्य अध्यात्म की राह पकड़ जल्द से जल्द ८४ लाखवी योनि में स्थापित हो जाए और आत्मा अपने शुद्ध स्वरूप को वापस पा ले |

 

जब हम किसी बेबस इंसान को ज़िन्दगी में हताश, परेशान देखते हैं तो यह संभव है कि उसकी परेशानी का कारण पिछला जन्म हो | ‘राज़ पिछले जन्म का‘ नामक सीरियल जो TV पर आया और बीच में court order से बंद कर दिया गया, में एक बहुत अच्छा किस्सा दिखाया | Bollywood के Lilliput नामक actor की past life खंगाली गई | उसकी height सिर्फ ३‘ ६‘‘ है |

 

PLR में मालूम चला पिछले जन्म में किसी हवेली में बदनीयती से घुस गया लड़कियों के साथ छेड़छाड़ करने | हल्ला होने पर भागा, छत से कूदा और फिर भागा | छत से कूदने पर पैर नहीं टूटे लेकिन पीछे से लोगों को आते देख तेजी से भागता रहा |

 

रात का वक़्त था और ध्यान नहीं रहा आगे रेल की पटरी है | ट्रेन आई और दोनों पैर काट गई | इस एपिसोड के दौरान Lilliput TV पर बेहद रोया कि मैं पिछले जन्म में कितना गन्दा, गिरा हुआ इंसान था और सबके सामने भगवान से पिछले जन्म के कृत्यों की माफी भी मांगी |

 

ऐसा नहीं कि हमें अगर पिछले और अगले जन्म का ज्ञात नहीं तो हम गलत आदतों में उलझ जाएं | भगवद गीता में कृष्ण जोर देते हैं कि पुण्य कर्म करते रहो और आगे की चिंता न करो |

 

What Karma really means? कर्म का वास्तव में क्या अर्थ है? Vijay Kumar Atma Jnani

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