सभी आत्माएं हमेशा से सूर्य के गर्भ में विद्यमान हैं | आत्मा एक चेतना, चेतन तत्व है जो एक करोड़ degrees centigrade से ज्यादा ताप उत्पन्न करती हैं | या यूं कहें कि आत्मा को रहने के लिए १ करोड़ degrees से ज्यादा temperature की जरूरत पड़ती है, जो उसे सूर्य के गर्भ में ही मिलता है |
सूर्य में विद्यमान रहकर आत्माएं रिमोट कंट्रोल से धरती पर शरीर को चलाती हैं | रिमोट कंट्रोल off और धरती पर जीव (मनुष्य या कोई भी पशु पक्षी, जीव जंतु) की मृत्यु |
धरती पर जब भी किसी की मृत्यु होती है तो मरने के समय के कार्मिक balance के अनुसार आत्मा नया शरीर (यानि matching parents) ढूंढ़ती है | अगर मैचिंग माता पिता मिल जाते हैं तो आत्मा तुरंत नया शरीर धारण कर लेती है | अगर नहीं तो आत्मा सूर्य के गर्भ या सतह पर विश्राम करती है (शीतनिष्क्रियता की स्थिति में) |
सूर्य के गर्भ में अगर कार्मिक इंडेक्स plus यानि पुण्य है, और सूर्य की सतह पर अगर negative (पाप कर्मों से भरपूर) | सूर्य पर वास करते हुए जैसे ही मैचिंग parents धरती पर उपलब्ध हो जाते हैं तो वास करती आत्मा तुरंत नया शरीर धारण कर लेती है |
जब आत्मा सूर्य के गर्भ में विश्राम करती है तो भारतीय शास्त्र कहते हैं कि वह स्वर्ग में है और जब सतह पर तो नरक में | भारतीय दर्शन अनुसार आत्मा कभी भी भटकती नहीं है |
What is Swarg Narak | स्वर्ग नरक कहां हैं | Vijay Kumar Atma Jnani