हर मनुष्य का जीवन सिर्फ और सिर्फ एक योनि के लिए होता है | जैसे ही हम मृत्यु को प्राप्त होंगे, धरती पर हमारा खेल खत्म | चूंकि शरीर आत्मा ने धारण किया है, मृत्यु के बाद वह तुरंत नया शरीर धारण कर लेगी | अगर मैचिंग पैरेंट्स धरती पर उपलब्ध नहीं हैं तो उस समय के लिए जब तक matching parents उपलब्ध नहीं हो जाते, आत्मा स्वर्ग या नर्क में वास करती है |
हर मनुष्य को कोई भी बात अगले जीवन के लिए नहीं टालनी चाहिए | मैंने काफी लोगों को कहते हुए सुना है कि आध्यात्मिक सफर तो अगले जीवन में कर लेंगे – इस जन्म में धार्मिक कर्मकांड ही सही | क्योंकि शरीर आत्मा धारण करती है और कर्म प्रधान जीवन है तो इस बात की कोई गारंटी नहीं की अगले जीवन में आत्मा द्वारा धारित शरीर अध्यात्म के सफर पर जाए ?
यह संभव है अगले जन्म में हमारी आत्मा पाश्चात्य जगत के एक Christian घर में शरीर धारण करे | जरूरी तो नहीं वह Christian अध्यात्म के रास्ते पर चले – चल भी सकता है और नहीं भी ? यह बात वर्तमान जीवन में आध्यात्मिक सफर पर जाने की प्रेरणा देती है |
What is Swarg Narak | स्वर्ग नरक कहां हैं | Vijay Kumar Atma Jnani