मृत्यु के पश्चात आत्मा अस्तित्व में है अथवा उसका पुनर्जन्म हो चुका है कैसे पता लगाया जा सकता है ?


ब्रह्म ने ऐसा कोई प्रावधान, साधन नहीं निमित्त किया है जिससे यह मालूम चल सके कि मरने के बाद आत्मा नया शरीर कब और कहां धारण करेगी | ऐसा क्यों ? मृत्यु को प्राप्त मनुष्य के मृत्यु के समय का karmic balance तय करेगा अगला जन्म कहां और कब होगा |

 

अगर karmic balance के आधार पर धरती पर matching parents (माता पिता) उपलब्ध हैं तो आत्मा तुरंत नया शरीर धारण कर लेगी | अब जन्म राजा, ब्राह्मण या मजदूर के घर होगा, यह तय करेगा कार्मिक शेष (मृत्यु के समय का karmic index) |

 

अगर matching माता पिता उपलब्ध नहीं हैं तो आत्मा स्वर्ग या नरक में विश्राम करेगी (hibernation, शीतनिद्रा की स्थिति में) | और जैसे ही धरती पर मैचिंग माता पिता उपलब्ध हो जाते हैं तो आत्मा तुरंत स्वर्ग या नरक से धरती पर नया जीवन ग्रहण कर लेती है | कब क्या होगा किसी को नहीं मालूम आत्मा के अलावा |

 

जगह स्वर्ग में मिलती है या नरक में, यह तय होता है कार्मिक balance के आधार पर – अगर कार्मिक balance positive (पुण्य) है तो आत्मा स्वर्ग जाती है और अगर कार्मिक balance negative (पाप युक्त) है तो नरक में | इसलिए भगवद गीता में कृष्ण कहते हैं फल की चिंता मत करो | अच्छे कर्मों में जुटे रहो | जो हो रहा है वह भी ठीक हो रहा है और जो भविष्य में होगा वह भी अच्छा ही होगा |

 

What is Swarg Narak | स्वर्ग नरक कहां हैं | Vijay Kumar Atma Jnani

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