मृत्यु के बाद अगला जन्म कैसे कहां होगा – ये कौन तय करता है ?


जब एक accountant company की balance sheet फाइनल करता है तो अगले साल की शुरआत में balance sheet में क्या लिखता है | अगर balance sheet का closing balance १०,०९८/= रुपए था तो नए वर्ष का ओपनिंग balance भी १०,०९८/= रुपए ही होगा | ये value change नहीं की जा सकती |

 

इसी प्रकार मृत्यु के समय हमारा जो भी karmic balance है वह decide करेगा कि हमारी आत्मा नया शरीर कहां और किस घर में लेगी | इसलिए भगवद गीता में कृष्ण कहते हैं अच्छे पुण्य कर्म करते रहो, सब अच्छा ही होगा |

 

जो लोग अनजाने में इस जन्म में तंग आकर आत्मदाह (suicide) कर लेते हैं कि अगला जन्म तकलीफ free होगा, वे बड़ी गलतफहमी में हैं | Suicide के कारण जो negative marking मिली, उसका क्या ? अगला जन्म और ज्यादा तकलीफों से भरा होगा |

 

पूरे ब्रह्मांड में कर्म प्रधान हैं | जैसे कर्म करेंगे वैसा कर्मफल मिलेगा, न कम न ज्यादा | अगला जन्म अगर हम present life से बेहतर चाहते हैं तो सिर्फ और सिर्फ पुण्य कर्म करें | मृत्यु के बाद सिर्फ और सिर्फ कर्मफल अगले जीवन में transfer होता है, positive हो या negative |

 

What Karma really means? कर्म का वास्तव में क्या अर्थ है? Vijay Kumar Atma Jnani

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