ब्रह्म सब कुछ कर सकते/ लेते हैं लेकिन प्रकट नहीं हो सकते | यह उनके लिए भी संभव नहीं | जब 37 वर्ष की आयु में 2 1/2 घंटे का साक्षात्कार हुआ तो उनसे बात तो ऐसे हो रही थी जैसे बगल में बैठे हों लेकिन सशरीर एक बार भी नहीं | इस जीवन में कितनी बार आए बातें करने/ कुछ message देने लेकिन मैं उन्हें देख नहीं सकता था ?
उसका कारण भी है | एक आत्मा का ताप 1 करोड़ degrees Celsius से ज्यादा होता है और ब्रह्मांड में आत्माओं की संख्या कई महाशंखों से भी ज्यादा है – तो यह निश्चित है ब्रह्म निराकार ही रहेंगे लेकिन दिव्य energy form में – क्योंकि सारी आत्माओं के समूह को ही हम ब्रह्म कहते हैं | ब्रह्म देखा जाए तो कल्पना के परे हैं |
इंसान को कभी भी व्यर्थ की जिज्ञासाओं में समय व्यर्थ नहीं गँवाना चाहिए | एक ही जीवन है – एक एक लमहा कीमती है | हमें तो ध्यान में डूबकर ब्रह्मलीन होने की कोशिश करनी चाहिए | दर्शन तो ठीक है – लेकिन ब्रह्म तक पहुंचने की कोशिश भी करते रहनी चाहिए |
Is God formless in Hinduism? भगवान साकार है या निराकार | Vijay Kumar Atma Jnani