यदि भगवान सर्वव्यापी है तो क्या नरक में भी है ?


भगवान कण कण में व्याप्त हैं, भगवान सर्वव्यापी हैं से हमारा तात्पर्य क्या है – ब्रह्म (परमात्मा) ब्रह्माण्ड में उपस्थित सभी आत्माओं के शुद्ध रूप में संगठित स्वरूप को कहते हैं | ब्रह्माण्ड उत्पन्न होते समय सारी आत्माएं पूरे ब्रह्माण्ड में बिखर गई तो कहावत बन गई – भगवान कण कण में व्याप्त हैं | ब्रह्माण्ड फैलता जा रहा है तो भगवान सर्वव्यापी भी हो गए |

 

स्वर्ग और नर्क में आत्माएं हमेशा विद्यमान रहती हैं | तो हम कह सकते हैं भगवान नर्क में भी मौजूद हैं | जहां आत्मा, चेतन तत्व – वहां भगवान मौजूद हैं | हर जीव के हृदय में आत्मा है तो भगवान अंश रूप में सभी जीवों में मौजूद हैं |

 

Where does Soul live in Human Body? शरीर में आत्मा कहाँ निवास करती है? Vijay Kumar Atma Jnani

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.