सबके मालिक प्रभु को भारतीय शास्त्रों में ब्रह्म कहा गया है (ब्रह्मा नहीं), वही ब्रह्म जिसने पूरा ब्रह्माण्ड बनाया | हम (एक आत्मा) ब्रह्म के ही अंश हैं और यह बात हम 84 लाखवी योनि में पहुंचकर ही समझ सकते हैं | ब्रह्म तक पहुंचने के लिए ब्रह्म ने 11 लाख मनुष्य योनियां स्थापित की हैं | अध्यात्म की राह लेकर हम प्रभु तक पहुंच सकते हैं |
जिस तरह एक ही नारी, एक ही घर में – बेटी, भाभी, बहू, पत्नी, बहन इत्यादि है उसी तरह मनुष्य ने ब्रह्म को अलग अलग विभूतियों से सुशोभित किया है – जैसे प्रभु, हरी, भगवान, परमात्मा, पिता परमेश्वर, सनातन पुरुष इत्यादि | निराकार ब्रह्म एक ही है |
Is God formless in Hinduism? भगवान साकार है या निराकार | Vijay Kumar Atma Jnani