भगवान शिव को भोले क्यों कहते है ?


रामकृष्ण परमहंस जब तत्वज्ञानी होने की कगार पर थे तो कुत्ता जो रोटी छीन कर भाग रहा था, उसके पीछे घी का कड़छा लेकर भागते थे, यह चिल्लाते हुए कि रोटी तो चिपड़ दूं, सूखी हैं गला कट जायेगा | उन्हें कुत्ते में भी भगवान नजर आते थे | और कुत्ता यह सोचकर कि चोरी पकड़ी गई, कड़छे से मार पड़ेगी और तेज़ भागने लगता था |

 

लोग उनपर पत्थर फेंका करते थे | रामकृष्ण परमहंस, एक तत्वज्ञानी अर्थात शिव – भोले नहीं हुए तो क्या हुए ? जब साधक पांचों इंद्रियों पर कंट्रोल स्थापित कर, अपनी मैं को खत्म कर एक सच्चा सीधा साधा इंसान हो जाता है तो भोला ही कहलाएगा क्योंकि उसे दुश्मन में भी भगवान नजर आता है |

 

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