महर्षि वेदव्यास भारतीय ऋषि परंपरा के एकमात्र ऐसे ऋषि हैं जिन्हें पूरी मानवता, सभ्यता और भारतीय दर्शन का सूत्रधार कहा जा सकता है | महर्षि वेदव्यास नहीं होते तो हमे संग्रहित चारों वेद नहीं मिलते, उनसे पहले सब बिखरा हुआ था |
महर्षि वेदव्यास नहीं होते तो महाभारत महाकाव्य अस्तित्व में नहीं होता और न होता कृष्ण और अर्जुन के बीच भगवद गीता उवाच | बिना भगवद गीता ज्ञान के आज मानव सभ्यता कैसे जिंदा रहती ? भारतीय दर्शन परंपरा में महर्षि वेदव्यास से बड़ा, महान ऋषि न आज तक हुआ न आने वाले वक्त में होगा |
जिस तरह भौतिक जगत में सरदार वल्लभ भाई पटेल का योगदान सिर्फ सराहनीय ही नहीं बल्कि अद्वितीय है, उसी तरह अध्यात्म की राह पर महर्षि वेदव्यास का योगदान अविस्मरणीय है और हमेशा रहेगा |
अगर सरदार वल्लभ भाई पटेल की मूर्ति statue of unity 182 m की है तो आने वाले वक़्त में महर्षि वेदव्यास की लगभग 700 m ऊंची प्रतिमा पूरे विश्व को शुशोभित करेगी |
महर्षि वेदव्यास और महाभारत महाकाव्य का आध्यात्मिक सच | Vijay Kumar Atma Jnani