महर्षि वेदव्यास द्वारा रचित महाकाव्य महाभारत भारतीय दर्शन शास्त्रों का एक मूल ग्रंथ है | इस ग्रंथ के प्रतिपादन के पीछे गूढ़ रहस्य है |
जब वेदों और उपनिषदों का ज्ञान आम जनता तक नहीं पहुंच पा रहा था तो महर्षि वेदव्यास ने महाभारत महाकाव्य की रचना के द्वारा कृष्ण अर्जुन संवाद के रूप में (भगवद गीता के रूप में) वह ज्ञान साधकों तक पहुंचाया जिसको प्राप्त कर कोई भी साधक तत्वज्ञानी बन मोक्ष ले सकता है |
भारतीय दर्शन शास्त्रों में कुछ भी मिथ्या नहीं है | पाश्चात्य जगत मूलतः US और UK ने भारतीय संस्कृति को रोंदने की भरसक कोशिश की पर फेल हो गए | भारतीय सांस्कृतिक विरासत को mythology का नाम देकर जो जघन्य पाप किया है उसकी माफी नहीं |
यह महर्षि वेदव्यास की मेहनत का नतीजा है कि आज भगवद गीता सार हर भारतीय के हृदय में बसता है | हम कौन हैं, कहां जाना है और कैसे जाएंगे – सारे उत्तर भगवद गीता के 700 श्लोकों में छिपे हैं |
महर्षि वेदव्यास और महाभारत महाकाव्य का आध्यात्मिक सच | Vijay Kumar Atma Jnani