महावीर के पास जब एक व्यक्ति हाथों में कुछ लिए आया जो उसने कपड़े से ढक रखा था तो महावीर ने दूर से ही कहा, वापस जाओ , मेरे पास मत आओ | महावीर उस व्यक्ति को देखकर ही सब जान गए थे कि वह क्या कहेगा, उसके आने का अभिप्राय |
वह व्यक्ति अपने मृत बच्चे को लेकर इस उम्मीद से आया था कि महावीर के छू देने मात्र से वह जी उठेगा | महावीर बोले, अध्यात्म की दुनियां में चमत्कार की कोई जगह नही | वापस चले जाओ | एक बार आत्मा शरीर छोड़ देती है तो वापस शरीर में प्रवेश नहीं कर सकती |
महावीर चमत्कारों में अविश्वासी ही नहीं थे बल्कि वह इस बात का दृढ़ता से पालन भी करते थे | यह सच है चमत्कार नामक कोई चीज होती ही नहीं | जो चमत्कार में विश्वास करते हैं उनकी आध्यात्मिक प्रगति रुक जाती है | जो कर्म की जगह चमत्कार को ज्यादा तवज्जो दें अध्यात्म उनकी राह नहीं |
मैं जैन हूं लेकिन भारतीय दर्शन को मूल क्यों मानता हूं | Vijay Kumar Atma Jnani