हमारा मस्तिष्क सिर्फ और सिर्फ एक एंटीना की तरह काम करता है | ब्रह्मांडीय mind से हमेशा से जुड़ा हुआ है | हमारा मस्तिष्क हर पल हजारों विचार ग्रहण करता है | विचारों का transmission भी मस्तिस्क के द्वारा होता है |
चेतना, यानि हमारी आत्मा सूर्य के गर्भ में है | वह हमारे हृदय से जुड़ी है | हम जो कुछ भी सोचते हैं बुद्धि और विवेक का इस्तेमाल करके वह तुरण पूरे ब्रह्मांड में transmit हो जाता है | जब सड़क पर जा रहे दो जने same mental frequency पर आ जाते हैं तो एक दूसरे को देखकर अच्छा लगता है, लगता है पहले कहीं मिले हैं ? (उसमे अगर दूसरा जना विपरीत सेक्स का हो तो ज्यादा अच्छा लगता है, नहीं 😆😆)
ब्रह्मांडीय चेतना यानी ब्रह्म से हम हृदय के माध्यम से जुड़े हैं | और ब्रह्मांडीय mind power से मस्तिस्क (brain) के द्वारा | दोनों का अलग अस्तित्व है | वह दूसरी बात है कि mind power भी ब्रह्म की सत्ता का हिस्सा है |
What was the role of Arjuna in Mahabharata? आज का अर्जुन कौन आध्यात्मिक परिवेश में | Vijay Kumar