मानसिक शक्ति ब्रह्माण्ड की सबसे ताकतवर शक्ति/ऊर्जा है, इससे ऊपर कुछ भी नहीं | ऐसा क्यों ? एक आम मजदूर और Ratan Tata में क्या फर्क है ? सिर्फ सोच का | इंसान कभी पैसों से गरीब नहीं होता, गरीब की सोच छोटी होती है | यह गरीब का तिरस्कार या उसके लिए गाली नहीं |
बाप रे बाप गरीब की मैं (उसका अहंकार) कितना बड़ा होता है जिसके कारण उसकी सोच छोटी बनी रहती है और वह आगे नहीं बढ़ पाता | जितना बड़ा इंसान उतने ऊंचे उसके विचार | पूरे ब्रह्मांड में दो तालाब हैं – एक mind plus का जहां से सारे positive विचार निकलते हैं और mind minus जहां से सारे negative विचार निकलते हैं | यह सिर्फ हमारे ऊपर निर्भर है हम पॉजिटिव विचार ग्रहण करते हैं या नेगेटिव |
ब्रह्म ने मनुष्यों को विवेक की शक्ति दी है जो हमें पशु योनि से ऊपर रखती है | इसी विवेक का इस्तेमाल करके हम हर समय अगर पॉजिटिव विचार ग्रहण करेंगे – तो Ratan Tata बनने की राह पर होंगे या आम मजदूर ? सत्य के मार्ग पर खुद को स्थापित करके, विवेक का इस्तेमाल करते हुए हमें जीवन में आगे बढ़ना चाहिए |
एक कहानी सुनाता हूं –
एक गांव में एक बालक था, बेहद समझदार, हर बात में विवेक का इस्तेमाल करता था | रहता भले ही गांव में था माता पिता गरीब थे लेकिन बच्चे की सोच परिपक्व | एक दिन मुनादी हुई राजकुमारी की सवारी गांव से निकलेगी, सब खिड़कियां बंद कर लें | राजकुमारी को देखने की सख्त मनाही थी | राजकुमारी की सवारी जिस रास्ते से निकलनी थी उसी रास्ते पर उस बालक का घर था |
राजकुमारी की सवारी आयी और साथ में सिपाहियों का रेला | और वह बालक पूरी खिड़की खोल बैठ गया – वह देखना चाहता था हम गरीबों में और बड़े लोगों में क्या अंतर होता है और सुना था राजकुमारी बेहद खूबसूरत है तो उसे भी देख लेंगे | मां ने देखा और ताड़ गई – बेटे को प्यार से समझाया (उम्र में कच्चा है) और डांट भी लगाई – खुद तो मरेगा ही हमें भी मरवाएगा | लेकिन वो समझदार विवेकी बालक कहां सुनने/मानने वाला था | राजकुमारी की सुंदरता को निहारता ही रह गया |
सवारी जाने के बाद जानते है मां से क्या बोला – मां ! ध्यान से सुन, मेरी शादी होगी तो इसी राजकुमारी से | तू तैयारी कर ले | वह बच्चा अपनी धुन में जुट गया | राजकुमारी से शादी जो रचानी थी | धीरे धीरे उसने गांव में छोटा सा व्यापार शुरू किया | अपनी समझ और ऊंची सोच से व्यापार बढ़ाता चला गया और गांव का सर्वश्रेष्ठ व्यापारी बन गया |
उसके बाद उसने शहर जाकर व्यापार शुरू किया और अपनी लगन और ऊंची सोच के कारण शहर का सबसे बड़ा व्यापारी बन गया | उसने अपनी पूंजी से दुनिया भर की धन संपदा इकट्ठी कर ली | राजकुमारी के स्वयंवर का समय हुआ, राजा ने अपने खबरियों से जब पता लगाया तो मालूम पड़ा जो शहर का धनाढ्य व्यापारी है बेहद समझदार नौजवान है | राजा को और क्या चाहिए था, बुला भेजा | राजकुमारी तो देखते ही फिदा हो गई |
चट मंगनी पट ब्याह | लड़के के मां बाप भी गांव से निकल बेटे के साथ शहर आकर रहने लगे | कुछ समय पश्चात राजा को लगा मृत्यु नजदीक है | दामादजी की कार्यकुशलता देख चुके थे, राजकुमारी भी बेहद खुश थी | राजा ने मुनादी करादी कि वह राजकाज अपने दामाद को सौंप रहे हैं और उसे राजा घोषित कर रहे हैं |
यह सिर्फ और सिर्फ कहानी नहीं, हकीकत है | भारत के आंचल में न जाने कितने ऐसे किस्से दफन हैं | कोई भी इंसान सत्य का दामन थाम, अपनी उच्च विचारधारा से जीवन में किसी भी ऊंचाई पर जा सकता है | जब मैंने 5 वर्ष की आयु में भगवान से मिलने की ठानी, मुझे क्या मालूम था सत्य और हृदय में स्थित सारथी के कारण 3 अगस्त 1993 में ब्रह्म से 2 1/2 घंटे का साक्षात्कार हो जाएगा | धुन पक्की थी और ब्रह्म से मिलन हो गया |
What was the role of Arjuna in Mahabharata? आज का अर्जुन कौन आध्यात्मिक परिवेश में | Vijay Kumar