आत्माएँ मोक्ष के बाद कहाँ जाती हैं – क्या करती हैं ?


मोक्ष यानि मनुष्य ने कर्मों की पूर्ण निर्जरा कर आत्मा को पूर्ण शुद्धि की अवस्था में पहुंचा दिया | यह सूर्य के चंगुल से मुक्त हुई आत्मा अब पूरे ब्रह्मांड में विचरण कर सकती है | आध्यात्मिक सफर में जब मुझे भगवद गीता में निहित ज्ञान समझ आने लगा तो मैंने एक दिन रामकृष्ण परमहंस की आत्मा का आवाहन किया और आने पर कहा – तिष्ठो (बैठो, विराजो)|

 

यह energy फॉर्म आपसे कुछ कहेगा नहीं, हमें कुछ पूछना हो तो हम पूछ सकते हैं | मुझे कुछ पूछना तो था नहीं, बस यही कहा – देखना चाहता था आप आओगे कि नहीं | आपसे संबंधी प्रश्नों के उत्तर पहले ही पुस्तकों से मिल चुके हैं | उनसे आशीर्वाद लिया और विदा किया और वह energy form फिर आंखों से ओझल हो गया |

 

शुद्ध अवस्था (मोक्ष) को प्राप्त हुई आत्माएं पूरे ब्रह्मांड में विचरती रहती हैं | धरती पर जब भी कोई उनका आवाहन करता है – दौड़ी चली आती है मदद करने को | ब्रह्म में विलय हुई शुद्ध आत्माओं के पास और कोई काम नहीं – सो पूरे ब्रह्मांड में विचरण करती घूमती रहती हैं | शास्त्रों में नारद मुनि का character (पात्र) यही दर्शाता है | घट घट घूमते रहते हैं औरों के उद्धार के लिए |

 

What is Moksha in simple terms? मोक्ष क्या है? Vijay Kumar Atma Jnani

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