मोक्ष के बाद आत्मा सूर्य के गुरूत्वाकर्षण से हमेशा के लिए मुक्त होकर पूरे ब्रह्माण्ड में विचरण के लिए स्वतंत्र है | मैंने अपने आध्यात्मिक सफर में पार्श्वनाथ भगवान (जैन धर्म के 23 वे तीर्थंकर) की आत्मा का एक बार और रामकृष्ण परमहंस की आत्मा का कई बार आह्वान किया – तुरंत एक शक्ति पुंज मेरे बगल में आकर स्थित हो जाता था और मुझे मेरे प्रश्नों के उत्तर मिल जाते थे |
जितनी भी आत्माएं शुद्ध अवस्था में ब्रह्माण्ड में घूम रही हैं – कोई भी आध्यात्मिक साधक उनका आह्वान कर उन्हें कभी भी कितनी बार भी बुला सकता है | महावीर से लेकर महर्षि रमण तक सभी तत्वज्ञानियों की आत्माओं का हम आह्वान कर उन्हें बुला अपने प्रश्नों का समाधान पा सकते हैं | यह सब experience से कह रहा हूं, कोई अतिशयोक्ति नहीं |
What comes after Self Realization? आत्मसाक्षात्कार के बाद आत्मा कहां जाती है | Vijay Kumar