भीष्म पितामह जैसा कद्दावर ब्रह्मचारी, द्रोणाचार्य जैसा दिग्गज आचार्य अगर द्वापर युग में निष्पक्ष नहीं हो सके, तो आज के कलियुग में आम आदमी से कैसी अपेक्षा ? द्रौपदी का चीरहरण होता रहा और सभी बैठे देखते रहे, हमने तो दुर्योधन का नमक खाया है ?
निष्पक्ष होने के लिए सुभाष चन्द्र बोस जैसा सेनानी, सरदार पटेल जैसा लौहपुरूष और नरेंद्र मोदी जैसा देशभक्त होना चाहिए | आम इंसान की जिम्मेदारियों और फ़र्ज़ के तार कहीं न कहीं जुड़े होते हैं जिसके कारण वह मजबूर हो जाता है |
अभी कुछ समय पहले देश में किसान आंदोलन हुआ | चक्का जाम – काफी highways आंदोलनकारियों द्वारा बंद कर दिए गए | अगर अख़बारों और TV news को सही माने तो देश को 10 लाख करोड़ से ज्यादा का नुक़सान हुआ |
कौन सी देशभक्ति निभा रहे थे यह आंदोलनकारी ? किसके पक्ष में रहकर देश से विश्वासघात कर रहे थे | अगर सही मायने में निष्पक्ष जीवन कैसे जीया जाता है, देखना है तो 2034 का इंतेज़ार कीजिए |
भारत अखंड भारत कब तक बनेगा – 2032? Vijay Kumar Atma Jnani