अगर हम भारतीय दर्शन शास्त्रों जैसे श्रीमद्भगवद्गीता और principal उपनिषदों को पढ़ना और समझना चाहते हैं तो गीताप्रेस, गोरखपुर की निम्लिखित टीकाएं देखें –
1. श्रीमद्भगवद्गीता – पदच्छेद, अन्वय और साधारण भाषाटीकासहित (17)
2. ईशादि नौ उपनिषद् (66)
गीताप्रेस, गोरखपुर के अलावा किसी भी publication house से मुद्रित पुस्तकें खुद पढ़कर, सोच समझकर लें | वैसे ऊपर लिखी टीका ही काफी है पूर्ण गीता का मर्म समझने के लिए | एक सच्चे साधक को एक बार गीताप्रेस, गोरखपुर के डिपोट, जो काफी शहरों में हैं में जाकर खुद खंगालने चाहिए | न जाने क्या खजाना हाथ लग जाए | काफी रेलवे स्टेशनों पर भी गीताप्रेस के स्टॉल हैं |
एक बार भारतीय विद्या भवन के पुस्तक भंडार में भी जाना चाहिए | वहां कई पहुंचे हुए संतों की जीवनी पढ़ने को मिल जाएंगी |
What spiritual books should i read | कौनसी आध्यात्मिक पुस्तकें पढ़े | Vijay Kumar Atma Jnani