गीता को पढ़ना चाहिए या जो गीता में बताया है उसके अनुसार चलना चाहिए ?


क्या गीता पढ़ी जा सकती है ? मुझे कितनी ही email आती हैं कि गीता कई बार पढ़ ली लेकिन समझ कुछ नहीं आया |

 

अगर हमारा जीवन का लक्ष्य आध्यात्मिक उन्नति है तो हमे ध्यान करना चाहिए चिंतन के द्वारा | ध्यान की प्रक्रिया में जब हम गीता के श्लोकों में निहित ज्ञान को जानने की कोशिश करेंगे तो छिपा तत्त्व समझ में आएगा अन्यथा नहीं | गीता के ज्ञान के प्रकाश की हमें जरूरत पड़ती है आत्मा में निहित अज्ञान के अन्धकार को काटने के लिए |

 

अध्यात्म ज्ञान सिर्फ चिंतन के माध्यम से ग्रहण किया जा सकता है जिसे इंग्लिश में contemplation कहते हैं |

 

Dhyan kaise karein | ध्यान करने की सही विधि | Vijay Kumar Atma Jnani

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