अध्यात्म की दृष्टि में विष्णु का शेषनाग की शैय्या पर लेटना यह दर्शाता है कि आत्मतत्व प्राप्त करने के बाद, जन्म और मृत्यु के चक्रव्यूह से मुक्त हुई आत्मा free होकर पूरे ब्रह्माण्ड में विचरण कर सकती है | क्षीरसागर पूरे ब्रह्मांड को दर्शाता है | शेषनाग दर्शाता है पूरा कुण्डलिनी जागरण हो चुका है |
एक बार धरती पर शरीर धारण करने के बाद आत्मा 84 लाख योनियां का सफर धरती पर ही करती है | आत्मा 84 लाखवी योनि पर पहुंचने के बाद ही सूर्य की गिरफ्त से मुक्त होती है यानी मोक्ष की स्थिति में आत्मा सूर्य को छोड़ पूरे ब्रह्माण्ड में कहीं भी विचरण कर सकती है |
What is Moksha in simple terms? मोक्ष क्या है? Vijay Kumar Atma Jnani