सनातन – ऐसा धर्म सो हमेशा से विद्यमान है – चाहे उसे हिन्दू धर्म कह लो या सनातन धर्म – या भारतीयों के द्वारा पालन किए जाने वाला धर्म – सनातन धर्म की विरासत 10,800 साल पुरानी है | इन्हीं 10800 सालों में वेद आए, इश्वाकु वंश आया (राम का समय), उपनिषद आए और अंततः महर्षि वेदव्यास द्वारा प्रतिपादित महाभारत महकाव्य, जिसका एक भाग है कृष्ण अर्जुन उवाच भगवद गीता |
भारत से ही सारी सभ्यताएं पूरे विश्व में फैलीं | विश्व की सभी मान्यताओं, मतों, धर्मों के मूल में सनातन धर्म है | पाश्चात्य जगत की वजह से पूरे विश्व में मूल (सनातन धर्म) को छिपा दिया गया | लेकिन अब सोशल मीडिया के दौर में सच छिपाना मुश्किल हो गया है | अब सच सबके सामने मुंह बाये खड़ा है | चाहकर भी पश्चिमी सभ्यताएं कुछ नहीं कर पा रही हैं |
सनातन धर्म पहले से ही पूरे जगत में व्याप्त है | ऊपर से धूल स्वतः साफ हो रही है तो सच शीशे की माफिक सामने खड़ा है | फैलाया तो झूठ जाता है – सच को फ़ैलाने का सामर्थ किसमें है ? वह तो स्वतः ही जड़ पकड़ लेता है| सनातन धर्म के शास्त्रीय ज्ञान के आगे कुछ नहीं – जिसे प्राप्त कर कोई भी प्राणी मोक्ष ले सकता है |
झूठ पर आधारित सारी पाश्चात्य जगत की संस्कृतियां (रोमन, ग्रीक, इजिप्शियन इत्यादि) अपने आप लुप्त हो गईं लेकिन भारत का बाल भी बांका नहीं हुआ | 10,000 साल पुराना वेदों का ज्ञान उसी हाल में सुरक्षित है | विदेशों में बैठे भारतीय मूल के लोगों से हाथ जोड़ कर निवेदन है – समय रहते भारत वापस आ जाओ | कल्कि के आने के बाद यह मौका भी नहीं मिलेगा |
What is the true Meaning of Dharma? धर्म का सही अर्थ क्या है? Vijay Kumar Atma Jnani