पहले Divide and Rule – अभी बंटोगे तो कटोगे – Yogi Adityanath


सरदार वल्लभ भाई पटेल द्वारा 600 रियासतों को एक सूत्र में पिरोकर भारतीय गणराज्य की स्थापना करना आसान नहीं था लेकिन लौह पुरुष सरदार पटेल ने यह कर दिखाया | ब्रिटिश ने भी Divide and Rule की policy द्वारा भारत को जुड़ने नहीं दिया और भारत पर अपना वर्चस्व बनाए रखा | लेकिन अब घड़ा भरने को है – सोया भारतीय चिर निद्रा से जाग गया है |

 

चाहे caste में बांटा या धर्म के नाम पर, भारतीय बंट भी गया और बिखर भी गया | जब से हिन्दुओं ने स्वयं से जाना कि बटेंगे तो कटेंगे – सब दोबारा जुड़ने शुरू हो गए हैं | नतीज़ा – US समेत Europe के तमाम देश बेहद घबराए हुए हैं – भारत से चुराई धन संपदा को अगर भारत की आवाम ने वापस मांग लिया तो क्या होगा ? ऊपर से बंटवारे के दौरान भारत में illegally ठहर गए मुस्लिम भी बेहद घबराए हुए हैं |

 

नरेंद्र मोदी हों या योगी आदित्यनाथ – BJP हो या RSS – सभी का एक ही शंखनाद है – एक हो जाओ नहीं तो मिट जाओगे | भारतीय दर्शन में इस बात की झलक मिलती है कि हिन्दू देर से जागता है लेकिन अगर जाग गया तो सोए हुए शेर से कम नहीं | शेर का जागना था कि US समेत दुनिया का हर देश हिल गया | किसी को विश्वास ही नहीं हो रहा भारतीयों की सोई हुई शक्तियों का ! भगवान कृष्ण कहते भी हैं 99 खून माफ लेकिन 100 पूरा होने पर गर्दन उतार लूंगा – फिर कोई माफी नहीं |

 

आने वाले समय में भारतीयों से माफी की उम्मीद रखना अज्ञानता होगी – माफी कतई नहीं मिलेगी | 125 करोड़ भारतीय अब मिलकर काम करेंगे और सतयुग लाने में सफल होंगे – आने वाले 64 कलाओं से युक्त निष्कलंक कल्कि अवतार का इंतज़ार तो कीजिए | 15 करोड़ मुगल वंशज कुछ भी नहीं कर पाएंगे – बस देखते रहेंगे | ज्यादातर वापस हिन्दू धर्म अपना लेंगे |

 

अब आने वाले 1000 साल सनातन धर्म के होंगे – भारतीयता और सनातन धर्म का ही बोलबाला | आने वाले स्वर्ण युग में एक नहीं, दो नहीं बल्कि हजारों की तादाद में लोग अध्यात्म की राह पकड़ ब्रह्म का साक्षात्कार करेंगे | आने वाला सतयुग होगा बेहद दिलचस्प – सोने से भरी 10 किलो की थैली महीनों सड़क पर पड़ी रहेगी – उठाने वाला नहीं होगा|

 

मनुष्य भौतिक जगत की चकाचौंध से विमुख हो अध्यात्म (स्वयं की खोज) में तल्लीन हो जाएगा | यही तो विशेषता होगी कल्कि अवतार में – पूरी मानव जाति को स्वयं की खोज में लगा देना | मानव जीवन का अंतिम उद्देश्य है भी यही – मुक्ति के द्वार तक पहुंचना यानि जन्म और मृत्यु के चक्र से हमेशा के लिए मुक्त हो जाना – मोक्ष प्राप्त कर लेना |

 

हर भारतीय को यह बात हमेशा ध्यान रखनी चाहिए कि हजारों वर्षों के बाद आज की स्थिति आती है – आने वाले कल्कि अवतार की एक ही पुकार है – एकजुट होकर दुश्मन, छिपे आतंकवादियों का सामना करो | आतंकवादी भीतर ही छिपा है – उसे ढूंढो और जड़ से खत्म करो | बिखर गए तो डंडी और एकजुट हो गए तो लाठी | दुश्मन को लाठी से परास्त करो – छड़ी से कुछ नहीं होगा ! खुद को तो मजबूत करो ही – वोट देकर प्रधानमंत्री और शाशन के हाथ मजबूत करो |

 

2024 से 2032 तक का समय आध्यात्मिक दृष्टिकोण से | Vijay Kumar Atma Jnani

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