जब से सभी आत्माएं प्रभु के घर से निकली वे वापस शुद्ध होकर ब्रह्मलीन होना चाहती हैं | ब्रह्माण्ड में घूमती आत्माओं को घर मिलता है धरती मां पर और आत्माओं का 84 लाख योनियों का सफर शुरू हो जाता है | अगर धरती मां जैसे ग्रहों का अस्तित्व नहीं हो तो आत्मा शुद्धता कैसे प्राप्त करेंगी ?
सनातन धर्म में, भारतीय दर्शन शास्त्रों में धरती मां का स्थान ब्रह्म के बाद आता है | जो सभी आत्माओं को अपने अंदर धारण करती है और कोई fees नहीं लेती, ऐसी है धरती मां ! और धरती पर हर नारी धरती मां की बेटी है – कोई शक, जो बच्चे को 9 महीने गर्भ में रखती है, यह जानते हुए कि बड़ा होकर बेटा या बेटी कहीं कोख पर लात न मार दे – जैसा आप कभी कभी देखते/ सुनते हैं |
मां के प्यार से ऊपर बस ब्रह्म का प्रेम होता है | कोई भी साधक अगर मां के प्रेम के सही स्वरूप को नहीं समझ पाए, तो मेरा मानना है कि उस साधक को ब्रह्म का साक्षात्कार संभव नहीं | मां के ऋण से मुक्त होंगे तो ही ब्रह्म से मिल पाओगे | स्त्रियों का आदर करोगे तभी 12 वर्ष की ब्रह्मचर्य की अखंड तपस्या पूरी होगी |
ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए क्या हम स्त्रियों को एक बार भी प्रताड़ित कर सकते हैं? Vijay Kumar