हिंदू और जैन धर्म में क्या अंतर है जरा कुछ विस्तार से बता सकते हैं ?


मैंने बचपन में ही महसूस कर लिया था कि रामकृष्ण परमहंस जैसा ब्रह्मज्ञानी १०० ~ १५० सालों में आ ही जाता है | उनके बाद महर्षि रमण १९५० में गए | मैं जैन कुल में पैदा हुआ | महावीर को गए २६०० साल से ज्यादा हो गए, नई चौबीसी शुरू ही नहीं हुई | कुछ तो गड़बड़ है | मैंने ५ वर्ष की उम्र से भारतीय दर्शन, गीता में निहित भगवान कृष्ण के ज्ञान को ज्यादा महत्व दिया | अब कल्कि अवतार के आने का इंतज़ार है |

 

जैन धर्म इतना गहन है कि साधक समझ ही नहीं पाते | इसी कारण लोग बौद्ध धर्म के पीछे भागते हैं | लेकिन सबसे मूल हिन्दू धर्म, सनातन धर्म, भारतीय दर्शन है |

 

मैं जैन हूं लेकिन भारतीय दर्शन को मूल क्यों मानता हूं | Vijay Kumar Atma Jnani

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.