मृत्यु के बाद अगर आत्मा को सीतनिद्रा/ शीतनिष्क्रियता (hibernation) की स्थिति में नर्क में स्थान मिलता है तो वह समय कर्मफल भुगतने का नहीं | आत्मा कैसे कर्मफल भुगतेगी ? कर्म तो सिर्फ शरीर ही कर सकता है, आत्मा तो दृष्टा की भांति कार्य करती है |
मृत्यु के समय अगर karmic balance -47 है (पापकर्मों के कारण) जिस कारण आत्मा को नर्क जाना पड़ा तो आत्मा धरती पर नया शरीर तभी लेगी जब -47 से matching parents नहीं मिल जाए | नर्क में आत्मा सिर्फ वास करती है कोई सजा नहीं भुगतती |
कर्मों का हिसाब किताब सिर्फ और सिर्फ धरती पर हो सकता है, स्वर्ग या नर्क में नहीं | ज्यादातर धार्मिक पंडित अध्यात्म की तह में जाए बिना अगर नर्क का डर दिखाकर कुछ दान दक्षिणा मांग लेते हैं तो वह यह सब अपनी रोटिरोजी की खातिर ही करते हैं |
What is Swarg Narak | स्वर्ग नरक कहां हैं | Vijay Kumar Atma Jnani