कल्कि अवतार के अवतरण के लगभग ५ वर्ष बाद धरती स्वर्ग रूपी हो जाएगी | स्वर्ग यानि सतयुग, स्वर्ण काल की कल्पना, एक ऐसा समय जब भारत को सोने की चिड़िया कहा जाता था | २०२८ में कल्कि अवतार के आने की आहट शायद हमें महसूस हो | संधिकाल का अंत निकट है | राजा विक्रमादित्य जिनके समय को स्वर्ण काल कहते हैं, जिन्होंने विक्रम संवत चालू किया था, उनका पदार्पण अब शीघ्र ही होगा |
राजा विक्रमादित्य को तत्वज्ञान प्राप्त नहीं हुआ था | वही आत्मा अब कल्कि अवतार के रूप में जन्म लेगी | एक ऐसा राजा जिसने अपने समय में एक भी झूठ नहीं बोला | जिसका पूरा शासन सच पर आधारित था |
मेरा अनुमान है कल्कि अवतार २०३४ तक सतयुग की शुरुआत कर देंगे, एक ऐसा समय जब गुरुकुल, गुरु शिष्य परंपरा दोबारा चालू हो जाएगी | ५ साल की अवस्था से बच्चे की पढ़ाई की ही नहीं, सम्पूर्ण विकास की जिम्मेदारी शासन और गुरुकुल की होगी (विकास physical और mental दोनों) | माता पिता पूरे राज्य को आगे बढ़ाने में व्यस्त और बच्चे उस जिम्मेदारी को भविष्य में आगे उठाने के लिए तैयार होंगे |
आज के किताबी ज्ञान की तरह नहीं कि पढ़ लिख कर विदेश भाग कर नौकरी या कहें अंग्रेज़ी कौम की गुलामी कर लो | ब्रिटिश macaulay का स्थापित system जड़ से ध्वस्त और गुरु शिष्य परंपरा की वापसी – इसे कहते हैं स्वर्णकाल | नरेंद्र मोदी से १५ लाख नहीं, एक अच्छे सुदृढ़ शासन की कामना करो | बस |
भारतीय परंपरा एक उच्च कोटि की व्यवस्था थी, है और हमेशा रहेगी |
भारत अखंड भारत कब तक बनेगा – 2032? Vijay Kumar Atma Jnani