उपनिषदों में clear वर्णन आता है कि शरीर मृत हो जाने पर अगर आत्मा को तुरंत नया शरीर नहीं मिलता (धरती पर matching parents उपलब्ध ही नहीं हैं) तो वह सीतनिद्रा, शीतनिष्क्रियता (hibernation) की स्थिति में स्वर्ग या नरक में वास करती है – जब तक धरती पर मैचिंग पैरेंट्स उपलब्ध नहीं हो |
मानव शरीर तो मात्र एक माध्यम (साधन) है – अगर शास्त्रीय ज्ञान हासिल करना है तो भगवद गीता और उपनिषदों में उलझना होगा | स्वर्ग या नरक में वास तो आत्मा का ही होता है, धरती पर मनुष्य शरीर जीवन दर जीवन मिलता है, मृत्यु के साथ सब खत्म | अगला शरीर तो आत्मा का होगा, मनुष्य का नहीं |
What is Swarg Narak | स्वर्ग नरक कहां हैं | Vijay Kumar Atma Jnani