स्वर्ग लोक की भव्यता किस प्रकार की होती है ?


स्वर्गलोक की कल्पना भ्रांति नहीं, स्वर्ग में हमारा स्वयं का मूल स्थित है | सूर्य के गर्भ में जिसे स्वर्ग कहते हैं स्थित है हम सभी की आत्मा | सारी आत्माएं स्वर्गलोक यानी सूर्य के गर्भ से remote control से हमारे हृदय को चलाती हैं | पुण्य से उद्वेलित आत्मा शरीर के मृत होने पर स्वर्ग में वास करती है | आनंद ही आनंद की अनुभूति | जब धरती पर matching parents available होंगे तो hibernating आत्मा तुरंत नया शरीर धारण लेगी |

 

स्वर्ग एक अंतरिम व्यवस्था है ब्रह्म द्वारा रचित जहां आत्माएं विश्राम करती हैं जब धरती पर matching parents उपलब्ध न हों | हम क्योंकि एक आत्मा हैं न कि एक शरीर, यह सब व्यवस्था और कल्पना हमारे खुद के लिए ही है |

 

What is Swarg Narak | स्वर्ग नरक कहां हैं | Vijay Kumar Atma Jnani

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