चेहरे पर स्वामी विवेकानंद की तरह तेज कैसे लाएं ?


स्वामी विवेकानंद अखंड ब्रह्मचारी थे – अखंड यानि आजीवन ब्रह्मचर्य पालन का नियम | उनका ब्रह्मचर्य का नियम – दोनों physical ब्रह्मचर्य और मानसिक ब्रह्मचर्य पर लागू था जिसका वह कड़ाई से पालन किया करते थे | मूलाधार में इकट्ठा होते अमृत के कारण उनके चेहरे पर तेज हमेशा बना रहता था | स्वामी विवेकानंद एक अत्यंत गंभीर किस्म के इंसान थे जिनको ब्रह्मचर्य पालन के गुणों का बारीकी से मालूम था |

 

कोई भी साधक स्वामी विवेकानंद के चेहरे के जैसे तेज का स्वामी बन सकता है अगर वह ब्रह्मचर्य का उतनी ही तन्मयता से पालन करे जैसा स्वामी विवेकानंद करते थे | अगर हम अपनी शारीरिक / सेक्सुअल ऊर्जा को मूलाधार में एकत्रित कर लें तो क्या होगा – उस एकत्रित ऊर्जा को हम अमृत में convert करके कुण्डलिनी की ओर प्रेषित कर सकते हैं या अपने शरीर को अत्यंत बलिष्ठ और खूबसूरत बना सकते हैं |

 

एक अखंड ब्रह्मचारी के लिए हर स्त्री या तो मां, बहन या बेटी समान होती है | जब हमारा स्त्री जाति के साथ और कोई रिश्ता नहीं होगा तो हम अपनी सेक्सुअल ऊर्जा को नष्ट होने से बचा लेंगे | हमें यह बात ज्ञात होनी चाहिए सेक्सुअल ऊर्जा ब्रह्माण्ड की सबसे potential energy है | इस energy को सही गाइड कर हम अपने अंदर तेज जगा सकते हैं या आध्यात्मिक सफर तेज कर सकते हैं |

 

स्वामी विवेकानंद क्योंकि दोनों अखंड ब्रह्मचर्य और अखंड ध्यान का पालन करते थे – उनके चेहरे का तेज, बलिष्ठ शरीर और आध्यात्मिक उन्नति शीर्ष पर थी | अखंड ब्रह्मचर्य का पालन और अखंड ध्यान कैसे करते हैं – दोनों विडियोज चैनल पर उपलब्ध हैं | सेक्सुअल energy को अमृत में कैसे convert करते हैं – यह समुद्र मंथन के वीडियो में देख लें |

 

12 years Brahmacharya benefits | 12 साल का अखंड ब्रह्मचर्य का जादू | ब्रह्मचर्य मंत्र | Vijay Kumar

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