जीवन में दोनों भौतिक ज्ञान और आध्यात्मिक ज्ञान की जरूरत होती है | हम हर समय जीवन भी तो दो जीते हैं | भौतिक ज्ञान की जरूरत पड़ती है रोटीरोजी कमाने के लिए और आध्यात्मिक ज्ञान की ब्रह्म की ओर बढ़ने के लिए |
IIT से civil engineering को रोटीरोजी का साधन बनाया और ब्रह्म की ओर बढ़ने के लिए ध्यान में उतरा | दोनों साथ साथ चलते रहे | कभी कभी परेशानी तो आती थी क्योंकि अध्यात्म सत्य की राह पर चलने की प्रेरणा देता है और रोटीरोजी के लिए कभी कभी झूठ का सहारा भी चाहिए |
इस कारण परिवार को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा – अगर अध्यात्म में seriously उतरना है तो किसी ना किसी को कुर्बानी देनी है होगी | इसी बात से बचने के लिए बुद्ध पत्नी और बच्चे के पैर छूकर रात में निकल गए | इसी कारण स्वामी विवेकानंद और महर्षि रमण ने शादी नहीं की |
हर आध्यात्मिक साधक के जीवन में परेशानियां तो खूब आयेंगी और ब्रह्म पग पग पर अग्नि परीक्षाएं भी लेगा | यही आध्यात्मिक जीवन की पराकाष्ठा है |
How to indulge in Spirituality when married | गृहस्थ जीवन में अध्यात्म का रास्ता कैसे पकड़ें