इस सृष्टि और ब्रह्माण्ड के समाप्त होने पर क्या होगा ?


जब वर्तमान सृष्टि (ब्रह्माण्ड) का अंत होगा यानि प्रलय आ जाएगी तो पूरा ब्रह्माण्ड सिमट कर आधे अंगूठे (अस्थ अंगुष्ठ) के आकार में आ जाएगा | इसी आधे अंगूठे के आकार को विज्ञान singularity के नाम से पुकारता है जिसके द्वारा पूरा नया ब्रह्माण्ड उत्पन्न होता है | जब ब्रह्माण्ड सिमटता है तो जो कुछ भी स्थूल है वह हमेशा के लिए पूर्णतया नष्ट हो जाता है | बचता है केवल चेतन और सिर्फ चेतन !

 

यानी ब्रह्माण्ड के पूर्णतया खत्म/ सिमटने के बाद सिर्फ और सिर्फ आत्माएं बच जाती हैं जो न पैदा होती हैं न मरती हैं | और पूरे ब्रह्माण्ड में निहित कई महाशंख आत्माओं के इस गुच्छे को हम भगवान, ब्रह्म कहते है | प्रलय के समय सभी आत्माएं अपने पूर्ण शुद्ध रूप में वापस आ जाती हैं, यानि सभी जीवों को automatic मोक्ष |

 

यह तेज, यह ऊर्जा जो अस्थ अंगुष्ठ आकार में समाया हुआ है, जिसे हम ब्रह्म कहते हैं, कुछ क्षण के लिए भी शुद्ध रूप में नहीं रह पाता और Big Bang के द्वारा फिर फटता है और नए ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति हो जाती है | यह तात्विक सत्य है कि ब्रह्माण्ड बनता तभी है जब ब्रह्म अपने को फोड़ते हैं | नए ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति के समय सभी आत्माएं शुद्ध थी लेकिन अब अपने ब्रह्मांडीय सफर में फिर अशुद्धियों से लिप्त हो जाएंगी |

 

और इन्हीं अशुद्धियों को दूर करने के लिए (इनसे निवृत्त होने के लिए) आत्माओं का 84 लाख योनियों का सफर शुरू हो जाता है | जैसे ही ब्रह्माण्ड में जीवन धारण करने योग्य पृथ्वी जैसे ग्रह अस्तित्व में आ जाते हैं तो आत्माएं एक के बाद एक शरीर धारण करना शुरू कर देती हैं | और इस तरह एक ब्रह्मांड की समाप्ति पर दूसरा ब्रह्मांड उत्पन्न हो जाता है | है ना प्रभु का करिश्माई खेल !

 

What is a Pralaya in Hinduism? हिन्दू धर्म में प्रलय क्या होती है | Vijay Kumar Atma Jnani

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